बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2B अर्थशास्त्र - अन्तर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2B अर्थशास्त्र - अन्तर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्रसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2B अर्थशास्त्र - अन्तर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- विनिमय नियंत्रण की विधियों का वर्णन कीजिए।
सम्बन्धित लघु / अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न - विनिमय नियन्त्रण की प्रत्यक्ष विधियों को समझाइये।
उत्तर -
(Direct Methods of Exchange Control)
प्रत्यक्ष विधियों के अन्तर्गत निम्नलिखित विधियाँ शामिल की जाती हैं -
1. सरकारी हस्तक्षेप (Government Intervention) - जब किसी देश की सरकार अपने देश की मुद्रा की विनिमय दर को किसी बिन्दु पर स्थिर करना चाहती है तो हस्तक्षेप की नीति अपनाती है। इसके लिए सरकार स्वतन्त्र विनिमय बाजार में विनिमय का अधिमूल्यन करके अथवा अधोमूल्यन करने के उद्देश्य से हस्तक्षेप करती है। सरकारी हस्तक्षेप के अन्तर्गत या तो विनिमय ऊँचा करके टाँग दिया है या नीचे करके टांग दिया जाता है। इस प्रकार सरकार निम्न दो उपाय करती है.
(i) विनिमय दर को ऊँचा रखना - इस विधि के अन्तर्गत मुद्रा का अधिमूल्यन कर दिया जाता है। ऐसा करने से पहले सरकार विदेशी मुद्रा का भण्डार बढ़ा लेती है। ताकि वह निश्चित विनिमय दर पर . असीमित मात्रा में विदेशी मुद्रा बेच सके। ऐसा होने से आयात बढ़ जाते हैं।
(ii) विनिमय दर को नीचा रखना- इस विधि के अन्तर्गत मुद्रा का अधोमूल्यन कर दिया जाता है। इससे घरेलू मुद्रा की माँग बढ़ जाती है। ऐसा करने से पहले सरकार अपने घरेलू मुद्रा का भण्डार बढ़ा लेती है, क्योंकि उसे घरेलू मुद्रा बेचने के लिये हमेशा तैयार रहना पड़ता है।
2. विनिमय प्रतिबन्ध - विनिमय प्रतिबंध के निम्नलिखित दो रूप देखने को मिलते हैं -
(i) अवरूद्ध खाते और
(ii) बहु विनिमय दरें।
(i) अवरूद्ध खाते - अवरूद्ध खाते के अन्तर्गत एक देश के नागरिकों को जो भुगतान विदेशों को करना होता है। उसे देश के केन्द्रीय बैंक में जमा करके अवरुद्ध कर दिया जाता है, तथा इसका उपयोग विदेशियों तथा निष्कासित नागरिकों द्वारा नहीं किया जा सकता है। इस प्रणाली में सरकार यह नियम बना देती है कि कोई भी विदेशी नागरिक अपनी सम्पत्ति, प्रतिभूतियाँ एवं उस देश की मुद्रा बाहर नहीं ले जा सकते हैं। इस प्रणाली की दो सीमाएँ हैं (1) अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। (2) विदेशी विनिमय की चोरबाजारी को प्रोत्साहन मिलता है।
(ii) बहु विनिमय दरें - इस प्रणाली के अन्तर्गत आयात और निर्यात के लिए अलग-अलग दरें निर्धारित कर दी जाती है। बहु विनिमय दरों के अन्तर्गत दो प्रकार की प्रणाली देखने को मिलती है (अ) दोहरी दर की प्रणाली (ब) निश्चित बहु विनिमय दरें।
3. विनिमय समाशोधन समझौते - इस व्यवस्था में दो देश समझौतों द्वारा संशोधन खातों की व्यवस्था करते हैं। उन्हीं के माध्यम से आयातों तथा निर्यातों का भुगतान करते हैं। इस प्रकार समाशोधन समझौते के अन्तर्गत आयातकर्ताओं एवं निर्यातकर्ताओं को विदेशी मुद्रा की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
4. भुगतान समझौते - विनिमय नियन्त्रण अपनाने वाले देश की स्थिति अन्य देशों की नजर में खराब होती है। यही कारण है कि कोई भी देश विनिमय नियन्त्रण अपनाने वाले देश को निर्यात नहीं करता है। ऐसी स्थिति में विदेशी विनिमय नियन्त्रण करने वाला देश वस्तुओं का आयात करना चाहता है। इसलिए वह निर्यात करने वाले देश के साथ भुगतान का समझौता करते हैं। जिसके अनुसार विनिमय नियन्त्रण करने वाला देश औसत मूल्य से कम मूल्य का निर्यात नहीं कर सकता है।
5. स्वर्ण नीति - इस नीति के अन्तर्गत स्वर्ण के क्रय एवं विक्रय की कीमतों में परिवर्तन करके विनिमय नियन्त्रण को प्रभावी बनाया जाता है। इसका प्रभाव स्वर्ण बिन्दुओं पर पड़ता है।
6. यथा स्थिर समझौते - इस समझौते के अन्तर्गत दो देशों के बीच पूँजी के आने जाने पर रोक लगा दी जाती है। इसके अलावा विदेशी व्यापारियों को माल के भुगतान एकदम न करके धीरे-धीरे 'किश्तों में किये जाते हैं। इस पद्धति के अन्तर्गत अल्पकालीन ऋणों को दीर्घकालीन का भुगतान करने के लिए अधिक समय प्रदान किया जाता है। इस समझौते के अन्तर्गत ऋणी देश को अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार करने के लिए पर्याप्त समय दिया जाता है, और जब तक उसकी आर्थिक स्थिति नहीं सुधार जाती, तब तक पूंजी के आने-जाने पर रोक लगाकर विनिमय दर को नियंत्रित कर दिया जाता है। .
7. विलंब कार्य हस्तान्तरण - इस विधि के अन्तर्गत विदेशी ऋणों का भुगतान कुछ विलंब से किया जाता है। मांल का आयात करने वाले देश अपने ऋणों का भुगतान अपने देश की मुद्रा में किसी अधिकृत बैंक में कर देते हैं। एक निश्चित अवधि के बाद उस बैंक के द्वारा विदेशियों को कर दिया जाता है।
8. विनिमय समानीकरण खाता - इस खाते का मुख्य उद्देश्य पूंजी के अल्पकालीन आवागमन और भुगतान शेष में होने वाले उच्चावचन को कम करना है। विनिमय दरों के उच्चावचन को रोकने के लिए विनिमय समानीकरण अथवा कोष की स्थापना की जाती है। इस खाते के दो उद्देश्य थे-
(1) समस्त विदेशी स्वर्ण के लिए एक कोष की स्थापना करना,
(2) सट्टे के फलस्वरूप होने वाले विदेशी उच्चावचन को रोकना।
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- प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र से आप क्या समझते हैं? इसकी विषय-सामग्री एवं क्षेत्र का वर्णन कीजिए।
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- प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के तुलनात्मक लाभ के सिद्धान्त की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए कीजिए।
- प्रश्न- तुलनात्मक लागत लाभ सिद्धान्त की मान्यतायें बताइये।
- प्रश्न- लागतों में अन्तर के प्रकार बताइये।
- प्रश्न- तुलनात्मक लागत लाभ सिद्धान्त का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- तुलनात्मक लागत सिद्धान्त अर्द्ध-विकसित देशों में लागू क्यों नहीं होता?
- प्रश्न- क्या आनुभाविक जाँच से तुलनात्मक लागत सिद्धान्त की सत्यता स्थापित की गयी है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मिल द्वारा प्रतिपादित अन्तर्राष्ट्रीय मूल्यों के सिद्धान्त का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
- प्रश्न- व्यापार की शर्तों से क्या आशय है? व्यापार की शर्तों के प्रकार को समझाइये
- प्रश्न- व्यापार की शर्तों के प्रकार की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- व्यापार की शर्तों को प्रभावित करने वाले घटकों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- अर्द्धविकसित देशों की व्यापार की शर्तों के प्रतिकूल रहने के क्या कारण है? इनके सुधार हेतु सुझाव भी दीजिए।
- प्रश्न- अर्द्ध-विकसित देशों में व्यापार की शर्तों में सुधार हेतु सुझाव दीजिए।
- प्रश्न- "व्यापार की शर्तें एवं आर्थिक विकास आपस में एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं।" व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- व्यापार की शर्तें आर्थिक विकास को किस प्रकार प्रभावित करती हैं?
- प्रश्न- संरक्षण के लिए शिशु उद्योग तर्क का परीक्षण कीजिए।
- प्रश्न- व्यापार की शर्तों का महत्व समझाइये ।
- प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के अवसर लागत सिद्धान्त की आलोचनात्मक समीक्षा व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- अवसर लागत का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- अवसर लागत सिद्धान्त की मान्यताएँ बताइये।
- प्रश्न- स्थिर अवसर लागत के अन्तर्गत अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार को समझाइये।
- प्रश्न- स्थिर लागत की दशा में अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार कब लाभप्रद होता है?
- प्रश्न- बढ़ती अवसर लागत की दशा में अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार को समझाइये।
- प्रश्न- घटती अवसर लागत की दशा में अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार को समझाइये।
- प्रश्न- अवसर सिद्धान्त किन मायनों में परम्परागत तुलनात्मक लागत सिद्धान्त से श्रेष्ठ है?
- प्रश्न- अवसर लागत सिद्धान्त का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- वास्तविक लागत सिद्धान्त एवं अवसर लागत सिद्धान्त का तुलनात्मक विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- स्वतन्त्र व्यापार की अवधारणा का विश्लेषण कीजिए।
- प्रश्न- स्वतन्त्र व्यापार के पक्ष में तर्क प्रस्तुत कीजिए।
- प्रश्न- स्वतन्त्र एवं संरक्षण व्यापार में अन्तर लिखिये। स्वतंत्र व्यापार के गुण व दोष बताइये।
- प्रश्न- व्यापार संरक्षण नीति किसे कहते हैं? संरक्षण व्यापार से लाभ व हानियाँ बताइए।
- प्रश्न- अल्पविकसित या विकासशील या गरीब देशों में संरक्षण व्यापार की आवश्यकता पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापारिक ब्लॉक से क्या आशय है? इसके विकास का सिद्धान्त उद्देश्य तथा प्रकारों को समझाइये।
- प्रश्न- व्यापारिक ब्लॉक की उत्पत्ति का सिद्धान्त समझाइए।
- प्रश्न- वैश्विक व्यापारिक ब्लॉकों के उद्देश्य तथा प्रकार बताइए।
- प्रश्न- वैश्विक व्यापारिक ब्लॉकों के लाभ व दोष समझाइए।
- प्रश्न- वैश्विक व्यापारिक ब्लॉकों के दोष / कमियाँ बताइए।
- प्रश्न- सीमा संघ के स्थैतिक तथा प्रावैगिक प्रभावों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सीमा संघ के प्रावैगिक प्रभाव कौन-कौन से होते हैं?
- प्रश्न- एसियान क्षेत्रों की प्रगति पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- ब्रिक्स (BRICS) से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- भारत, ब्राजील व दक्षिण अफ्रीका संवाद मंच (IBSA) पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- दक्षिण एशियाई अधिमान व्यापार ठहराव का क्या है? इसका औचित्य व प्रगति बताइये।
- प्रश्न- एशियाई क्षेत्र में सीमा शुल्क संघ बनाने में क्या समस्याएँ हैं?
- प्रश्न- भुगतान सन्तुलन से क्या आशय है? भुगतान सन्तुलन के विभिन्न भागों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भुगतान सन्तुलन के विभिन्न भागों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- पूँजी खाता परिवर्तनशीलता क्या है? इसको लागू करने की पूर्व शर्तें क्या हैं?
- प्रश्न- "भुगतान सन्तुलन सदैव सन्तुलन में रहता है।' विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- भुगतान संतुलन के समायोजन तन्त्र का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भुगतान असन्तुलन के क्या परिणाम होते हैं?
- प्रश्न- भुगतान असन्तुलन के कारणों को समझाइये।
- प्रश्न- मार्शल-लर्नर शर्त (Marshall - Lerner Condition) का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भुगतान सन्तुलन व व्यापार सन्तुलन में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- तुलनात्मक लागत का हैक्सचर-ओहलिन सिद्धान्त का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
- प्रश्न- हेक्सचर-ओहलिन सिद्धान्त की मान्यताओं को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के परम्परावादी सिद्धान्त व हेक्सचर ओहलिन सिद्धान्त की तुलना कीजिए।
- प्रश्न- हेक्सचर-ओहलिन के सिद्धान्त का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- तकनीकी अन्तराल सिद्धान्त (Technological Gap Model ) का विश्लेषण कीजिए।
- प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के लाभों को बताइये तथा यह बताइये कि इनकी माप किस प्रकार की जाती है?
- प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार की हानियों को बताइये।
- प्रश्न- लियोनतीफ का विरोधाभास क्या है? बताइये।
- प्रश्न- रिब्जन्सकी प्रमेय की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- निर्धनताकारी विकास को समझाइए।
- प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का पाल कुग्रमैन सिद्धान्त का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की स्थापना तथा उद्देश्य बताइये।
- प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के उद्देश्य बताइये।
- प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के कार्यों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रमुख उपलब्धियों तथा असफलताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण एवं विकास बैंक की कार्यप्रणाली की आलोचनात्मक समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- विश्व बैंक के कार्यों की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- विश्व बैंक के उद्देश्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विश्व बैंक की सफलतायें या प्रगति बताइये।
- प्रश्न- विश्व बैंक की असफलतायें बताइये।
- प्रश्न- एशियन विकास बैंक की कार्यप्रणाली समझाइये ।
- प्रश्न- एशियाई विकास बैंक के मुख्य उद्देश्य बताइये।
- प्रश्न- एशियाई विकास बैंक की सदस्यता पूँजी व प्रबन्ध को बताइये।
- प्रश्न- "विश्व बैंक की स्थापना अर्द्धविकसित देशों के लिये वरदान है।' स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- विश्व बैंक पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण एवं विकास बैंक पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- भारत तथा विश्व बैंक पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- 'तटकर एवं व्यापार समझौते' (गैट) पर एक लेख लिखिए।
- प्रश्न- व्यापार एवं प्रशुल्क पर हुए सामान्य समझौते (GATT) के प्रमुख उद्देश्य कौन-कौन से हैं?
- प्रश्न- गैट के मौलिक सिद्धान्त क्या थे?
- प्रश्न- गैट के प्रमुख कार्य बताइये।
- प्रश्न- विश्व व्यापार संगठन क्या है? इसके प्रमुख उद्देश्यों को बताइये।
- प्रश्न- विश्व व्यापार संगठन के उद्देश्य बताइये।
- प्रश्न- भारत को विश्व व्यापार संगठन से होने वाले सम्भावित लाभों एवं हानियों का विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- भारत को विश्व व्यापार संगठन से होने वाली सम्भावित हानियों को बताइए।
- प्रश्न- अन्य विकासशील देशों के संदर्भ में भारत की स्थिति बताइये।
- प्रश्न- विकासशील देशों के दृष्टिकोण से विश्व व्यापार संगठन समझौते की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- भारत को अंकटाड से होने वाले लाभों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय अर्थव्यवस्था पर भूमण्डलीकरण के सकारात्मक और नकारात्मक प्रभावों को इंगित कीजिए।
- प्रश्न- प्रत्यक्ष विदेशी निवेश से आप क्या समझते हैं? प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के सन्दर्भ में सरकार द्वारा बनाए गए नीतियों का उल्लेख कीजिए?
- प्रश्न- गैट तथा अर्द्ध-विकसित राष्ट्रों पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- विश्व व्यापार संगठन के समझौते बताइये।
- प्रश्न- विश्व व्यापार संगठन का संगठनात्मक ढाँचा प्रस्तुत कीजिए।
- प्रश्न- बौद्धिक सम्पदा अधिकार से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- "विश्व व्यापार संगठन गैट (GATT) की तुलना में कहीं अधिक विस्तृत एवं व्यापक वैधानिक अधिकार वाला संगठन है।' विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- व्यापार से सम्बन्धित बौद्धिक सम्पदा अधिकार (ट्रिप्स) पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- व्यापार से सम्बन्धित उपाय (ट्रिप्स) पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- बहुपक्षीय व्यापार से आप क्या समझते हैं? विश्व व्यापार संगठन ने इस सम्बन्ध में क्या भूमिका निभायी है?
- प्रश्न- 'बहुपक्षीय मुद्दे तथा विश्व व्यापार संगठन' को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- अंकटाड के उद्देश्य एवं स्वीकृत सिद्धान्तों को बताइये।
- प्रश्न- अंकटाड के कार्य बताइये।
- प्रश्न- दसवें अंकटाड पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- विदेशी व्यापार में विविधता लाने की दृष्टि से अंकटाड की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- उत्तर-दक्षिण व्यापार संवाद क्या है?
- प्रश्न- दक्षिण-दक्षिण सहयोग (South-South Coorperation) से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- विदेशी निवेश प्रोत्साहन बोर्ड से आप क्या समझते हैं? यह एफडीआई से कैसे सम्बद्ध है?
- प्रश्न- विदेशी पूँजी किसे कहते हैं?
- प्रश्न- अभ्यंश से आप क्या समझते हैं? आयात अभ्यंश के विभिन्न प्रकारों को बताइये।
- प्रश्न- आयात अभ्यंशों के विभिन्न प्रकार बताइये।
- प्रश्न- आयात अभ्यंश के विभिन्न प्रभावों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- आयांत अभ्यंश के उद्देश्य बताइये।
- प्रश्न- अभ्यंश प्रणाली के पक्ष में तर्क दीजिए।
- प्रश्न- प्रभावी संरक्षण पर टिप्पणी।
- प्रश्न- आयात प्रतिस्थापन से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- आयात प्रतिस्थापन से लाभ बताइये।
- प्रश्न- आयाल अभ्यंश एवं प्रशुल्क की तुलना कीजिए।
- प्रश्न- राशिपातन के स्वभाव एवं उसके विभिन्न रूपों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- स्वतन्त्र व्यापार से आप क्या समझते हैं? इसके पक्ष में तर्क प्रस्तुत कीजिए।
- प्रश्न- विदेशों में कम मूल्य पर बेचने की नीति से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- प्रशुल्क के प्रभावों को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- गैर-प्रशुल्क बाधाएँ (Non-tariff Barriers) किसे कहते हैं? इनके विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्रशुल्क का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- प्रशुल्क युद्ध से क्या आशय है?
- प्रश्न- प्रशुल्क युद्ध को चित्र द्वारा स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- भारत सरकार की प्रशुल्क नीतियाँ।
- प्रश्न- "अनुकूलतम प्रशुल्क की धारणा यह बताती है कि प्रशुल्क कितनी मात्रा में लगाये जायें ताकि देश का अधिकतम कल्याण हो।' इस कथन की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- अनुकूलतम प्रशुल्क तथा कल्याण निहितार्थ पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- विदेशी विनिमय बाजार के कार्यों का विवरण दीजिए।
- प्रश्न- विनिमय दर क्या है? विदेशी विनिमय दरों में परिवर्तन लाने वाले विभिन्न घटकों का विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- विनिमय दर को प्रकाशित करने वाले घटकों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- विदेशी विनिमय दर को प्रभावित करने वाले उन घटकों का वर्णन कीजिए जो विदेशी विनिमय दरों में परिवर्तन लाते हैं।
- प्रश्न- मुद्रा की परिवर्तनीयता से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- क्रय शक्ति समता सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- टकसाल दर समता सिद्धान्त से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- विनिमय नियोजन क्या है? भारत में विनिमय नियन्त्रण के क्या उद्देश्य हैं? इस दिशा में भारत सरकार ने हाल के वर्षों में क्या किया है?
- प्रश्न- विनिमय नियंत्रण की विधियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विनिमय नियन्त्रण की अप्रत्यक्ष विधियों को समझाइये ।
- प्रश्न- वैश्विक वित्तीय संकट का विस्तृत वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विनिमय नियंत्रण के उद्देश्यों को बताइये।
- प्रश्न- परिवर्तनशील विनिमय दरों के पक्ष में तर्क दीजिए।
- प्रश्न- परिवर्तनशील विनिमय दर के विपक्ष में तर्क दीजिए।
- प्रश्न- अग्रिम विनिमय तथा तैयार सौदों में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- हेजिंग (Hedging) से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- अन्तर्पणन क्रियाएँ क्या हैं?
- प्रश्न- मुद्रा की परिवर्तनीयता से आप क्या समझते हैं?